आज मुझे अचानक एक सनक सूझी की मैनै सबसे पहले क्या लिखा था , दो बातें याद आईं सेकेंड क्लास मैं साथ में एक लड़की पढ़ती थी "प्रियंका " उसे प्रेमपत्र लिखा था (बाद में क्लास टीचर से पिटाई भी हुई थी) और दूसरी थर्ड क्लास में ऐक कविता लिखी थी , "अपनी टीचर के लिए" , अब प्रियंका के प्रेम पत्र के बारे में तो याद नही हाँ कविता थोड़ी याद है चलो उसे लिखते हैं आप सभी लोगों के लिए , आख़िर मेरी पहली रचना थी भाई !
टीचर
टीचर प्यारी - टीचर प्यारी,
हम बच्चों को पढ़ाती है .
दुनिया क्या है ,
कैसे जीना,वही हमें समझाती हैं.
कलियुग के इस अंधकार मे,
जलती लौ वो बन जाती है.
खुद आग की गर्मी सहकर,
हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाती है !
टीचर प्यारी - टीचर प्यारी,
हम बच्चों को पढ़ाती है.
विनय कुमार गुप्ता ( थर्ड बी "आर्मी स्कूल ")
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