Friday, August 14, 2009

हे अमिताभ, तुम एक स्वतंत्र ओज विचार हो

प्रिय अमिताभ,
उम्मीद है कि आप स्वास्थ लाभ ले रहे होंगे , आप का जीवन बहुतों के लिए जिजीविटता की एक
मिसाल है और आशा है की आप शीघ्र हीअपने नाम के अनुरूप बीमार -शरीर पर भी अपनी श्रेष्ठता साबित करेंगे , आपने औरों के लए बहुत कुछ लिखा और कहा है ये एक छोटा साप्रयास आपके लिए मेरी ओर से है : -

हे अमिताभ, तुम एक स्वतंत्र ओज विचार हो ,
तुम ही स्वर हो इंक़लाब का,तुम ही रति की धार हो,
मित्र तुम्हे देख कर,आज लाखों पथ देख रहे,
इस अग्निपथ पर पथ प्रदर्शक , तुम झंझावती नाव की पतवार हो,
हे अमिताभ, तुम एक स्वतंत्र ओज विचार हो !

तुम हो आग्नेय रथ सारथी, पुत्र के ,
परिवार के लिए सशक्त ढाल साकार हो ,
छू नही सकता तुम्हे दुस्साहस कोई,
तुम समस्त दुस्साहासों , दुर्जनो से पार हो ,
हे अमिताभ, तुम एक स्वतंत्र ओज विचार हो !

मित्र कौन कहता कि व्यक्ति व्रद्ध होता ,
तुम जीवन पर्यंत , मूर्त यौवन साकार हो ,
शीघ्र - अति शीघ्र पुनः सुस्सजित हो स्वस्थ होकर ,
क्यों की तुम्ही कोटियों के ह्रदय सुशोभित प्यार हो,
हे अमिताभ, तुम एक स्वतंत्र ओज विचार हो !

आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ !



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